top of page
Search

IAP recommendations on screen time for children:

  • Writer: zebatarannum2806
    zebatarannum2806
  • Apr 21
  • 3 min read

IAP की सिफारिश: बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण क्यों ज़रूरी है?

आजकल के डिजिटल युग में, स्क्रीन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर और टेलीविजन ने हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है, लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चों के लिए अधिक स्क्रीन टाइम उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है?

Indian Academy of Pediatrics (IAP) ने इस विषय पर स्पष्ट सिफारिशें दी हैं ताकि बच्चों का डिजिटल उपयोग संतुलित रहे। इस ब्लॉग में हम IAP द्वारा दी गई स्क्रीन टाइम की सिफारिशों के बारे में जानेंगे और इसके महत्व को समझेंगे।

IAP की स्क्रीन टाइम सिफारिशें:

1. 2 साल से छोटे बच्चे: IAP के अनुसार, 2 साल से छोटे बच्चे को कोई भी स्क्रीन टाइम नहीं दिया जाना चाहिए। इस आयु वर्ग के बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास होता है, और यह समय पूरी तरह से उनका वास्तविक दुनिया के साथ संबंध बनाने में खर्च होना चाहिए। बच्चे को केवल माता-पिता/देखभाल करने वाले के साथ खेलना और इंटरएक्टिव गतिविधियों में शामिल करना चाहिए।

2. 2 से 5 साल के बच्चे: इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए, IAP के अनुसार, स्क्रीन टाइम को 1 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस समय का उपयोग केवल शैक्षिक या मजेदार कार्यक्रमों के लिए करना चाहिए। इस उम्र में बच्चों के मस्तिष्क का विकास बहुत तेज़ी से हो रहा होता है, इसलिए उन्हें बाहरी खेल और वास्तविक दुनिया की गतिविधियों में ज्यादा समय देना चाहिए।

3. 5 साल और उससे बड़े बच्चे: 5 साल और उससे बड़े बच्चों के लिए, IAP ने स्क्रीन टाइम को 2 घंटे से अधिक न रखने की सिफारिश की है। इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए ऑनलाइन वीडियो गेम्स, सोशल मीडिया या इंटरनेट ब्राउज़िंग से बचने की सलाह दी जाती है। इस समय का कुछ हिस्सा शिक्षण गतिविधियों, पढ़ाई और सामाजिक संपर्कों के लिए भी हो सकता है, लेकिन स्क्रीन पर समय की सीमितता बनी रहनी चाहिए।

स्क्रीन टाइम का बच्चों पर असर:

जब बच्चे अधिक स्क्रीन टाइम लेते हैं, तो इसका उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है:

  1. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर:

    • ज्यादा स्क्रीन टाइम के कारण बच्चे आलसी हो सकते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधियों की कमी हो जाती है।

    • अधिक स्क्रीन पर समय बिताने से दृष्टि संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि आंखों में सूजन, धुंधला दिखाई देना आदि।

    • इससे बच्चों में मोटापा और हृदय संबंधित बीमारियाँ बढ़ने का खतरा रहता है।

  2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर:

    • सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स बच्चों में असुरक्षा और तनाव को बढ़ा सकते हैं।

    • ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों को सामाजिक गतिविधियों से हटा सकता है, जिससे उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।

    • इससे बच्चों में नींद की समस्या भी हो सकती है क्योंकि स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताने से नींद का पैटर्न बिगड़ सकता है।

क्यों है संतुलन ज़रूरी?

IAP की सिफारिशें केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए हैं, बल्कि यह उनके समाज में सही तरीके से घुलने-मिलने, मूल्य आधारित शिक्षा, और सामाजिक संपर्कों को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम का उपयोग संतुलित तरीके से करना चाहिए, ताकि वे वास्तविक दुनिया में भी सक्रिय रहें और मानसिक रूप से मजबूत बने रहें।

कैसे मैनेज करें बच्चों का स्क्रीन टाइम?

  1. समय सीमा तय करें: बच्चों के स्क्रीन टाइम के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करें और इसका पालन करें। जैसे, 2-5 साल के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम 1 घंटे से अधिक न हो, और 5 साल से बड़े बच्चों के लिए 2 घंटे से अधिक न हो।

  2. सक्रिय और रचनात्मक गतिविधियाँ बढ़ाएं: बच्चों को बाहरी खेल जैसे दौड़ना, कूदना, या क्रिकेट खेलना encourage करें। साथ ही, उन्हें कला और संगीत जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भी व्यस्त रखें।

  3. पारिवारिक समय बिताएं: बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को पारिवारिक गतिविधियों से संतुलित करें। बच्चों को परिवार के साथ बातचीत, खेलने और खाना खाने के दौरान स्क्रीन से दूर रखने की आदत डालें।

  4. आशावादी स्क्रीन समय का चयन करें: बच्चों को ऐसे शैक्षिक ऐप्स और वीडियो दिखाएं जो उनके ज्ञानवर्धन में मदद करें, लेकिन ध्यान रखें कि यह सीमित समय के लिए हो।

निष्कर्ष:

IAP की सिफारिशों के अनुसार, स्क्रीन टाइम को सही तरीके से सीमित करना बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। यह उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है, साथ ही उन्हें वास्तविक दुनिया में सक्रिय और रचनात्मक रूप से शामिल होने का मौका देता है। स्क्रीन टाइम को संतुलित करने से बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।

अगर आप अपने बच्चे का स्क्रीन टाइम संतुलित करना चाहते हैं, तो ऊपर दी गई टिप्स को अपनाएं और बच्चे को एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने का अवसर दें!

 
 
 

Comments


Working Hours

Monday-Friday: 9am to 7pm

Saturday: 9am to 4pm

Sunday: Closed

Contact us

© 2035 by Dr. Zeba Tarannum

bottom of page